जो सावन में भी न मिल पाया
वो ये माह कहां से देगा
इस महीने का तो नाम ही “सितम-बर” है
ये रहम कहां से देगा
मेरा हकीम तो खुद बीमार है
वो मरहम कहां से देगा
“तुम भी मुझसे प्यार करते हो”
इतना सुकूं कोई और वहम कहां से देगा
जो सावन में भी न मिल पाया
वो ये माह कहां से देगा
इस महीने का तो नाम ही “सितम-बर” है
ये रहम कहां से देगा
मेरा हकीम तो खुद बीमार है
वो मरहम कहां से देगा
“तुम भी मुझसे प्यार करते हो”
इतना सुकूं कोई और वहम कहां से देगा