कहीं भीड़ में खो गई है मुहोब्बत Satish Chandra Pandey 4 years ago कहीं भीड़ में खो गई है मुहोब्बत पहले है रोटी फिर है मुहोब्बत। जरा पास आओ, हमें कुछ है कहना। नहीं ठीक ऐसे सभी से मुहोब्बत। हमें देखकर फूल भी मुंह चुराते। बिना फूल के किस तरह है मुहोब्बत।