कागज़ राही अंजाना 6 years ago कागज़ की कश्ती भी पार लगाई है हमने, लहरों को चीर कर मन्ज़िल पाई है हमने, बहुत मुश्किल था तैर कर उस पार जाना, हौंसलों के बाज़ुओं से जीत पाई है हमने।। राही (अंजाना)