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काबुल में गधे

आत्मचिंतन करो लोगों पर ना हंसो,
दुनिया के दुःख दर्द को तुम समझो।
काबुल में गधे भी होते हैं मेरे दोस्त,
गधे घोड़े के बातों को तुम समझो।।

✍ महेश गुप्ता जौनपुरी

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