चुप मत रहो इतना के नाम गुम नाम हो जाये,
तुम्हारे हिस्से की ज़मी किसी के नाम हो जाये,
नाकामयाबी के सफर से बाहर निकल आओ,
कहीं ऐसा न हो कामयाबी की शाम हो जाये।।
राही अंजाना
चुप मत रहो इतना के नाम गुम नाम हो जाये,
तुम्हारे हिस्से की ज़मी किसी के नाम हो जाये,
नाकामयाबी के सफर से बाहर निकल आओ,
कहीं ऐसा न हो कामयाबी की शाम हो जाये।।
राही अंजाना