कार्तिक पूर्णिमा के दिन
देव-दीपावली मनाते हैं
सारी अप्सराएं नृत्य करती हैं
इन्द्रदेव झूमते जाते हैं
पूंछा मैंने माँ से एक दिन; क्यों देव दीपावला मनाई जाती है
स्वर्ग सजाते हैं देवता
धरती भी दीपों से सजाई जाती है
माँ ने कहा; यह देव दीपावली की कथा बहुत ही निराली है
एक त्रिपुरासुर नामक राक्षस था, वह मायावी था, बलशाली था
महादेव ने उसका वध करते देवताओं को किया सुरक्षित था,
यही नहीं इसी दिन विष्णु जी ने मत्स्यावतार लिया था…
और गज ग्राह के युद्ध पर
विष्णु भक्त गज की रक्षा हेतु ग्राह का संहार किया था..
इसी कारण से देवों ने स्वर्ग को दीपकों से सजाया था
विष्णु जी की आराधना
करके विष्णु जी को मनाया था
तभी से इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा, कथा की जाती है
स्वर्ग समेत धरती पर भी देव- दीपावली मनाई जाती है..