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किताबे

पन्ने ज़िन्दगी की किताब में जोड़ने पड़ते हैं,
अपने हिस्से के किस्से खुद ही लिखने पड़ते हैं,
छोड़कर कई बार रास्तों को सफर में,
हाथ किताबों से मिलाकर दोस्त छोड़ने पड़ते हैं।।
राही (अंजाना)

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