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किनारा

कश्ती पर सवार है जिंदगी
ना जाने कब मिलेगा किनारा

दूर से तो दिख रहा है
खुबसूरत हर एक नजारा

फ़िर रहा हूँ मैं मारा मारा
दिल में है आशा पोहचु में उसी किनारे पे
जहा हो खुबसूरत हर एक नजारा

मिलें मुझे उसी की बांहों का सहारा
जो मुझे चाहे उसे में चाहूँ
हमारे प्यार से चहक उठे जग सारा

क्या ऐसा होगा सोचता हूं तो लगता है
जैस कोइ सपना हो प्यारा

कश्ती पर सवार है जिंदगी
ना जाने कब मिलेगा किनारा

दूर से तो दिख रहा है
खुबसूरत हर एक नजारा

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