किसी ने ग़म दिया मुझको किसी ने घोंप दी खंजर Harendra singh kushwah "aihsas" (एहसास) 7 years ago किसी ने ग़म दिया मुझको किसी ने घोंप दी खंजर , नहीं फिर प्रेम उग पाया रही दिल की ज़मी बंजर । मैं बर्षों से वही बैठा जहाँ तुमने कहा रुकना , जुदाई देख ली मैंने बडे अदभुत रहे मंजर ।। हरेन्द्र सिंह कुशवाह ~~~एहसास~~~