मेरे देश की मिट्टी किसी सोने से कम नहीं।
खेतो में लगी फसल किसी हीरे मोती से कम नहीं।।
यही धरती की गोद में खेले पले हुए हम जवां।
हिमालय से निकली गंगा किसी अमृत धारा से कम नहीं।।
हमारे देश पे बुरी नजर रखने वाले जरा सुन तो ले।
शहीदों के लहू से रंगी यह धरती किसी चंदन से कम नहीं।।