कुछ कह दो ना बात
जिससे सुबह सी लग जाये रात,
उजाला बाहर भी
भीतर भी।
रात लगे नहीं रात।
कहो ना
कुछ तो कह दो बात।
गमों को दे दो ना अब मात
हरितमय हो जाये
मन-गात,
मिलेंगी खुशियां हाथों हाथ।
कहो ना
कुछ तो कह दो बात।
कुछ कह दो ना बात
जिससे सुबह सी लग जाये रात,
उजाला बाहर भी
भीतर भी।
रात लगे नहीं रात।
कहो ना
कुछ तो कह दो बात।
गमों को दे दो ना अब मात
हरितमय हो जाये
मन-गात,
मिलेंगी खुशियां हाथों हाथ।
कहो ना
कुछ तो कह दो बात।