Site icon Saavan

कुबूल ह

किसी को दिन तो किसी को रात कुबूल है,
मेरे महबूब् की सुनो हमें हर बात कुबूल है,

जीतने का शौक तो हारने का खौफ भी है,
मगर प्यार की हो बात तो हमें मात कुबूल है,

मुमकिन न सही दिन के उजाले में मिलना,
ख्वाबों में हो जाये तो हमें मुलाकात कुबूल है,

अंजाना हूँ जवाबों की कैफियत से जान लो,
के उनसे हों दो चार तो हमें सवालात कुबूल है,

गुनाह के रंज ओ गम से कोई वास्ता नहीं है,
मोहब्बत में हो जाये तो हमें हवालात कुबूल है।।

राही अंजाना

कैफ़ियत – विवरण, समाचार

Exit mobile version