‘निकलती है नेक मकसद को, मुकम्मल वो दुआ होती है,
नही होती दुआ अकेली कभी, साथ क़ुव्वते-दुआ होती है..’
– प्रयाग
मायने :
मुकम्मल – पूरी
क़ुव्वते दुआ – दुआ की ताकत
‘निकलती है नेक मकसद को, मुकम्मल वो दुआ होती है,
नही होती दुआ अकेली कभी, साथ क़ुव्वते-दुआ होती है..’
– प्रयाग
मायने :
मुकम्मल – पूरी
क़ुव्वते दुआ – दुआ की ताकत