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कैसे-कैसे लोग जहां में रहते है ?

कैसे-कैसे लोग जहां में रहते है ?
कुछ दूसरों के भला के लिए जान गँवा देते है ।
कुछ अपने लिए दूसरों की जिन्दगी मिटा देते है ।
अजब रंग है मनुष्य के रक्त का वो लाल है ।।1।।

देख गैरों के उन्नति को लोग आज जलते है ।
दीपक की तरह जो जल न सके ।
वो दूसरों के प्रकाश से मुँह मोड़ते है ।
क्या हो गया है आज मानव को ? ।।2।।

जो मानव एक दिन सत्य के राही थे ।
वह नर जो सर्वदा संतों के संगति में था ।
आज वह इतना क्यूँ दरिन्दगी दिखाता है।
वह खूद से आज क्यूँ नहीं बात करता है ।।3।।
कवि विकास कुमार

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