कोई मुझे समझाओं,
मैं समझना चाह रहा हूं,
ये ग़म की आंधी है,
वो उड़ जाएंगी,
ज़रा सा दिल्लासा दो,
मैं तड़पे जा रहा हूं।
अरे! कोई थोड़ा सा तो प्यार
जताओ मुझे
मैं तरसे जा रहा हूं।
कोई मुझे समझाओं,
मैं समझना चाह रहा हूं,
ये ग़म की आंधी है,
वो उड़ जाएंगी,
ज़रा सा दिल्लासा दो,
मैं तड़पे जा रहा हूं।
अरे! कोई थोड़ा सा तो प्यार
जताओ मुझे
मैं तरसे जा रहा हूं।