कोरोना कोरोना कहते हो कोरोना से क्यों डरते हो।
शाम सवेरे जब देखो कोरोना चालीसा भजते हो।।
कोरोना के डर से तुम कोरोना की उपासना करते हो।
सोते जागते उठते बैठते कोरोना चालीसा भजते हो।।
कहे कवि डट के मुकाबला करना तुम कहाँ सिखते हो।
भूखा प्यासा चौक चौराहे पे कोरोना चालीसा भजते हो।।