हुनर किसी ज़रिए का मोहताज नहीं होता ।
कल उन्हीं का है, जो कुछ आज नहीं होता ।
गिरने से डरता क्यों है, पहले उड़ान तो भर,
वो भी सीख जाता, जिनका परवाज़ नहीं होता ।
मंजिल मिलेगी ज़रूर, पहले शुरुआत तो कर,
अंजाम नहीं होता, जब तक आगाज़ नहीं होता ।
खुद पे यकीं रख, शिद्दत से अपना काम तो कर,
कामयाबी शोर करेगी, उसमें आवाज़ नहीं होता।
यूं हिम्मत ना हार ‘देव’, पहले कोशिश तो कर,
कोशिश करने वालों से, ख़ुदा नाराज़ नहीं होता ।
देवेश साखरे ‘देव’