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कौन न छला गया……….

किस लिये रो रही हो

नूर अपना खो रही हो

एक ऐसे के लिये जो

छोड़कर चला गया……….

वो था धोखा

पा के मौका

आके तेरे दिल में जो

आग सी लगा गया……….

प्यार कैसा प्रीत कैसी

बन गई है रीत ऐसी

देख इसको, देख उसको

कौन न छला गया……….

————–सतीश कसेरा

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