क्या करूँ मैं शिकवा इस बेरहम जमाने से!
थक़ गया हूँ मैं अब और तुझे मनाने से!
मैं बेवसी की चादरों में लिपटा हूँ मगर,
दर्द खोज लेता है रोज किसी बहाने से!
Composed By #महादेव
क्या करूँ मैं शिकवा इस बेरहम जमाने से!
थक़ गया हूँ मैं अब और तुझे मनाने से!
मैं बेवसी की चादरों में लिपटा हूँ मगर,
दर्द खोज लेता है रोज किसी बहाने से!
Composed By #महादेव