क्या छुपा के घूमते है लोग,
पता नहीं,
किसी के ख्वाब, या ख्वाहिशें
खबर नहीं,
कुछ लम्हे दबा रखे है अपनी हथेली में
या फिर जिंदगी को कर लिया है कैद
क्या छुपा के घूमते है लोग,
पता नहीं,
किसी के ख्वाब, या ख्वाहिशें
खबर नहीं,
कुछ लम्हे दबा रखे है अपनी हथेली में
या फिर जिंदगी को कर लिया है कैद