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क्या लिखूं जो अब तक लिखा नहीं

क्या लिखूं जो अब तक लिखा नहीं
कहने को बाकी अब कुछ रहा नहीं
जिंदगी पानी सी थी, बह चुकी है
अब तो बस खालीपन है, जो खला नहीं

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