खबर मिली है के सबको ही ज़रा खबरदार रहना है,
अपनों को अपनों से ही सम्भलकर मेरे यार रहना है,
करली बहुत सी बेवकूफियां तुमने अब छोड़ो सबको,
सुनो इस दुनियां में तुम्हें थोडा तो समझदार रहना है,
गुमराह करने में लगें हैं एक दूसरे को सब ऐसे मानो,
के बनाकर उन्हें जानो खुद की यहॉं सरकार रहना है।।
राही अंजाना