एक जैसी नहीं रहती
परिस्थितियां
सुधरती हैं बिगड़ती हैं
परिस्थितियां
परिस्थितियां हैं जिनसे
हर प्राणी जूझता आया
उन्हीं ने है तपाया
और खरा सोना बनाया है।
चमक खाली नहीं होती
वरन खाकर थपेड़ों को
किया संघर्ष होता है।
एक जैसी नहीं रहती
परिस्थितियां
सुधरती हैं बिगड़ती हैं
परिस्थितियां
परिस्थितियां हैं जिनसे
हर प्राणी जूझता आया
उन्हीं ने है तपाया
और खरा सोना बनाया है।
चमक खाली नहीं होती
वरन खाकर थपेड़ों को
किया संघर्ष होता है।