Site icon Saavan

खरा सोना

एक जैसी नहीं रहती
परिस्थितियां
सुधरती हैं बिगड़ती हैं
परिस्थितियां
परिस्थितियां हैं जिनसे
हर प्राणी जूझता आया
उन्हीं ने है तपाया
और खरा सोना बनाया है।
चमक खाली नहीं होती
वरन खाकर थपेड़ों को
किया संघर्ष होता है।

Exit mobile version