ख़ामोशियाँ जब ज़ुबाँ बनने लगीं,
रफ्ता-रफ्ता दिलों की दूरियाँ घटने लगीं।
मोहब्बत में मीठे अहसास हुए इस कदर,
एक दूजे की कदर अब बढ़ने लगी।
बिन कुछ कहे वो हमें अब समझने लगे,
ख़ामोशियाँ भी बातें करने लगी॥
______✍गीता
ख़ामोशियाँ जब ज़ुबाँ बनने लगीं,
रफ्ता-रफ्ता दिलों की दूरियाँ घटने लगीं।
मोहब्बत में मीठे अहसास हुए इस कदर,
एक दूजे की कदर अब बढ़ने लगी।
बिन कुछ कहे वो हमें अब समझने लगे,
ख़ामोशियाँ भी बातें करने लगी॥
______✍गीता