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ख़ामोशी

धीरे-धीरे वो हमसे अनजान हो गए
जो कभी खास थे आज आम हो गए
गुफ्तगू करने से जिनका जी नहीं भरता
आज उनकी खामोशी से हम बदनाम हो गए

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