फरियाद कबूल ना हो तोह क्या
तेरे होने पे तेरे वचनों से सवाल उठाना चाहिए
बचपन से ही सिखा है समझना रटने से बेहतर है
लोगों का काफिर कहना भक्त से बेहतर है
फरियाद कबूल ना हो तोह क्या
तेरे होने पे तेरे वचनों से सवाल उठाना चाहिए
बचपन से ही सिखा है समझना रटने से बेहतर है
लोगों का काफिर कहना भक्त से बेहतर है