खुशबू बिखर रही है Satish Chandra Pandey 3 years ago खुशबू बिखर रही है चारों तरफ सुमन के, वह पवन बड़ी है चंचल आती उसे हिला के, भंवरा भी गुनगुनाये ऐसे समीप जाके, जैसे बंधे हों उससे सुन्दर स्नेह धागे।