झड़ी लगा दूँगा यहाँ, लिख कर तुझ पर मीत,
प्यार मुहब्बत ही नहीं, दर्द भरे भी गीत,
दर्द भरे भी गीत, तुझे गाकर कह दूँगा,
फूल तोड़कर आज, यहाँ खुशबू ला दूँगा।
कहे लेखनी नई चाहना है उभर पड़ी।
इसीलिए तो बारिश, की उमड़ रही है झड़ी।
झड़ी लगा दूँगा यहाँ, लिख कर तुझ पर मीत,
प्यार मुहब्बत ही नहीं, दर्द भरे भी गीत,
दर्द भरे भी गीत, तुझे गाकर कह दूँगा,
फूल तोड़कर आज, यहाँ खुशबू ला दूँगा।
कहे लेखनी नई चाहना है उभर पड़ी।
इसीलिए तो बारिश, की उमड़ रही है झड़ी।