खुशियों की गंध मुबारक हो Janki Prasad (Vivash) 8 years ago तुम खिलखिलाते खिल उठे गुलशन लजा गया । पहले कभी खिलाफ नहीं, ऐसा गुलाब था ।…..खुशियों की गंध मुबारक हो। आपका….. जानकी प्रसाद विवश…..।