खुशियों की दुकाने भरने की खातिर राही अंजाना 6 years ago खुशियों की दुकाने भरने की खातिर, दर्द की तस्वीरें खरीदी जाती हैं, खुद की तारीफों के पन्ने भरने को, क्यों सरेआम न्यूज़ बटोरी जाती हैं।। राही (अंजाना)