जो है अपने खुद ही
दर्द को पहचान लेंगे
मुनासिब नही है
जाहिर वो हर बात करे
आपके दर्द से वाकिफ़
पूरी तरह से है,
नासूर न बने दर्द
इसलिये चुप रहते है।
दुआ है कि हालात
कुछ ठीक हो जाये,
खुशियों के बीच आप
दर्द को भूल जाये।
जो है अपने खुद ही
दर्द को पहचान लेंगे
मुनासिब नही है
जाहिर वो हर बात करे
आपके दर्द से वाकिफ़
पूरी तरह से है,
नासूर न बने दर्द
इसलिये चुप रहते है।
दुआ है कि हालात
कुछ ठीक हो जाये,
खुशियों के बीच आप
दर्द को भूल जाये।