खेल में धूल से लतपथ
हुआ तन हूँ मैं
जो हुआ गीला पसीने से
वही वसन हूँ मैं।
रम रहा छोटी खुशी में
इस तरह का मन हूँ मैं।
कम नहीं होती मुहब्बत
खुशमिजाजी मन हूँ मैं।
खेल में धूल से लतपथ
हुआ तन हूँ मैं
जो हुआ गीला पसीने से
वही वसन हूँ मैं।
रम रहा छोटी खुशी में
इस तरह का मन हूँ मैं।
कम नहीं होती मुहब्बत
खुशमिजाजी मन हूँ मैं।