खोकर अपना वजूद फिर बनाने की कुब्बत रखता है,
ये सूखा हुआ पेड़ फिर हरा हो जाने की सिफत(गुण)रखता है,
उजड़ी हुई शाखों पर मत जाओ इसकी यारों,
ये हर शख्स की साँसों में जीवन की लहर रखता है॥
राही (अंजाना)
खोकर अपना वजूद फिर बनाने की कुब्बत रखता है,
ये सूखा हुआ पेड़ फिर हरा हो जाने की सिफत(गुण)रखता है,
उजड़ी हुई शाखों पर मत जाओ इसकी यारों,
ये हर शख्स की साँसों में जीवन की लहर रखता है॥
राही (अंजाना)