खोते अपने Suman Kumari 3 years ago जिसे अपना मानते आये हर बात पर, नुक्श निकालने को आमदा , देखते ही देखते ये कैसे बेगाना हुआ । दर्द जब हद से बढ़ा दिल पर बोझ बढने लगा बोझिल सा यह मन अश्क पलकों को भिगोने लगा देखते ही देखते ये कैसे बेगाना हुआ ।