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ख्याब क्या होगा

तन्हाइयों से ही जिसने
बात की है जिंदगी भर
मेरे आने का उनको
एहसास क्या होगा
वीरानियां ही जिनका आशियाना हो
उन्हें महलों का ख्वाब क्या होगा
जिंदगी जिनकी एक सवाल बन चुकी है
पास उनके मेरा जवाब क्या होगा
जो देखकर आंखों में गम
हकीकत बयां कर देते हैं
उनके दिलों में छुपा राज क्या होगा।
वीरेंद्र सेन प्रयागराज

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