ख्वाब Sukhbir Singh Alagh 7 years ago कुछ ख्वाब जिन्दगी में हमेशा अधूरे रह जाते हैं। अरे दूसरों को क्या समझाऊ मैं, अपने ही समझ नहीं पाते हैं। अरे हमसे भी तो पूछ कर देखो, हम क्या चाहते हैं। “सुखबीर” जो अपने विचार प्रगट नहीं करते, वह जीते ही, मर जाते हैं।