ख्वाब मेरे बादल जैसे
ख्वाहिशें मेरी अंबर सी
लम्हा लम्हा यादें गरजे
अखियां बही बारिश सी
मुसलसल तेरी आस जगाए
सावन का यह महीना
तुम साथ नहीं हो क्यों मेरे
मोहब्बत वही मेरी हवा सी।
ख्वाब मेरे बादल जैसे
ख्वाहिशें मेरी अंबर सी
लम्हा लम्हा यादें गरजे
अखियां बही बारिश सी
मुसलसल तेरी आस जगाए
सावन का यह महीना
तुम साथ नहीं हो क्यों मेरे
मोहब्बत वही मेरी हवा सी।