Site icon Saavan

ख्वाब

अभी तो तुमसे मिले थे हम,
अभी तुम मुझे छोड़ चले गये।
दिखलाकर मुझे सुनहरे ख्वाब,
आंखों से दूर कहां तुम चले गये।।

✍महेश गुप्ता जौनपुरी

Exit mobile version