ख्वाहिश Awadhesh Kumar Rai 7 years ago बड़े मौजू हो चूकी ख्वाहिश की पेशकश मेरी. इरादे नफीश की खमबखम मेरी. जरा सून क्यो इल्तिजा का मायूस आरजू. मैं तेरी नहीं मोहब्बत की ख्वाहिश. अवधेश कुमार राय “अवध*