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गजल

“मातृ दिवस पर चंद पंक्तियां ”
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जमाने में जो सच है जरा उसको बताइए
दौर-ए भरम है युं नही बातें बनाईए |
युं कहकहे लगा करार आये कब तलक
चेहरे से बंया है न हकीकत छिपाईए||
माँ बाप को रखें है कही घर से बहुत दूर
त्योहार ना अवसर का तमाशा दिखाईए |
पाला है जितना आप भी उनको तो पाल दो
माँ-बाप आप भी है ये मत भूल जाईए||
उपाध्याय…

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