गमज़दा सा मोहन 4 years ago गमज़दा सा हूं ;उसके लिए जो तुमने मेरे साथ किया। और बहुत ही निशब्द सा है, यह दर्द जो तुमने मुझे हर पल दिया। मगर रहे तू हमेशा बाग़-बाग़ , चल छोड़ो ! हमने तुम्हें माफ़ किया।