गम-ए-अंजाम हमें इसकदर डूबोते हैं Mithilesh Rai 8 years ago गम-ए-अंजाम हमें इसकदर डूबोते हैं! हँसते हुए ख्याल के ख्वाब हरपल रोते हैं! चलती है जब ज़िन्दगी दर्द की लकीरों पर, कांपते इरादों को अश्क ही भिगोते हैं! Composed By #महादेव