गरीब की पुकार’ सुन लो,
लाख दुआएं मिलेगी
किसी मजबूर को सहारा दो
तुम्हारी शक्ति और बढ़ेगी…
घटेगा नहीं धन बल्कि और भी बढ़ेगा
किसी गरीब की झोली में
जो तुम्हारी एक चवन्नी भी गिरेगी…
मान लो और कभी करके देखो
बेबस मजबूर का सहारा कभी
बनकर तो देखों
आँखों से तुम्हारी पावस गिर पड़ेगी…