आसमान से धरती पर उस पानी का गिरना
आशाएँ , उम्मीदें जगाकर उस टूटते तारे का गिरना
लहराकर उचाई से उस झरने का गिरना
न चाहते हुए भी किसी का प्यार में गिरना
या फिर सालों पड़ी धुल का उस किताब से गिरना
उठना तो हर कोई सरहाता हैं
मेने सराहा हैं गिरना !!
आसमान से धरती पर उस पानी का गिरना
आशाएँ , उम्मीदें जगाकर उस टूटते तारे का गिरना
लहराकर उचाई से उस झरने का गिरना
न चाहते हुए भी किसी का प्यार में गिरना
या फिर सालों पड़ी धुल का उस किताब से गिरना
उठना तो हर कोई सरहाता हैं
मेने सराहा हैं गिरना !!