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गीत

कोना पठाएब सनेश।
पिया मोर नञ जाऊ विदेश।।
चिट्ठी लिखब कोना छी हम असमर्थ।
फोनक खंभा ठार बनल छै बेअर्थ।।
मोबाइलक नेटवर्क रहय अछि नञ लेश।
पिया मोर नञ जाऊ विदेश।।
कौवा कबूतर केॅ डाकिया बनाएब।
बैरंग चिट्ठी हम फोकट में पाएब।।
सुग्गा कोयली बनि अप्पन भेंट विशेष।
धनी मोर करू जय गणेश। पिया मोर नञ जाऊ विदेश।।

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