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गुड़हल

मैंने पूछ ही लिया था एक दिन गुडहल से
इतनी हिम्मत तू कहां से लाता है
मैं मुरझा जाती हूं थोड़े से दर्द से
तू टहनी से टूट कर भी खिल जाता है
खूबसूरती से जवाब दिया गुड़हल के फूल ने
मेरी खूबसूरती का असर हुआ होगा
इसीलिए खिल जाता हूं मैं
कि मेरी मुरझाने का असर उस पर होगा

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