हो सके तो गीत मेरे
तुम वहां जाओ जहां
दर्द में हो मित्र मेरा
गुनगुना दो कान में।
बोल देना तुम ज़रा
साहस रखो, हिम्मत रखो
अब भुला दो वो भी बातें
जो असंभव हो भुलाना।
हो सके तो गीत मेरे
तुम वहां जाओ जहां
दर्द में हो मित्र मेरा
गुनगुना दो कान में।
बोल देना तुम ज़रा
साहस रखो, हिम्मत रखो
अब भुला दो वो भी बातें
जो असंभव हो भुलाना।