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गुरुदेव तुम्हारा अभिनन्दन

गुरुदेव तुम्हारा अभिनन्दन
भारती के अमित चन्दन
तुमसे है सुगन्धित शांतिवन
युवा पढ़कर पाते पुनर्जीवन

रचनाएं जागरण की जान बनी
भारत जन का स्वाभिमान बनी
नोबल का इसे सम्मान मिला
अन्य देशों का भी इमान बनी

अध्ययन की अदभुत जो नींब पड़ी
हर जन मन में बसी तेरी आकृति
शांतिनिकेतन सरिस अनुपम कृति
दिलाती रहेगी सदा तुम्हारी स्मृति

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