Site icon Saavan

घमंड तेरा शत्रु है

घमंड तेरा शत्रु है
उसे कभी न पास रख
तेरा करेगा अवनयन
उसे कभी न पास रख।
घमंड से कटेंगे तेरे
मित्र और दोस्त सब,
घमंड लील जायेगा ये
आत्मीय भाव सब।
तू शिखर को चूम ले
गगन की यात्राएं कर
मगर न भूल मूल को
सभी से प्रेम भाव रख।
अगर घमंड भाव है तो
पूछता ही कौन है,
स्वाभिमान सब में है
दिख रहा जो मौन है।
न धन बड़ा न तन बड़ा
ये नाशवान चीज है
फिर घमंड क्यों करे
घमंड दुख का बीज है।

Exit mobile version